कविता :- 16(09) हिन्दी -: गुजरे न उल्का पिंड , पर इरफान खान गुजर गये !


कविता :-  16(09) हिन्दी ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳

-: गुजरे न उल्का पिंड , पर इरफान खान गुजर गये ! :-

हर कहीं इरफान खान के निधन की खबर है ,
जहाँ तहाँ शोक की लहर है !
क्या कहूं मैं रोशन ,वे नहीं... मगर है ,
क्या ? वही कलकत्ता, दिल्ली , मुंबई नगर है ,

जहां से बनना चाहते रहें , खिलाड़ी,पर बन गये अभिनेता ,
इसी कोरोना महामारी में कैंसर के कारण गुजर
गये बॉलीवुड के बेटा !
जीते जी किसी से हारे न , मगर कैंसर हुए इनसे विजेता ,
हम कवियों का क्या है कविता के अलावा तो हम
कविता से ही इन्हें विनम्र श्रद्घांजलि मन से देता !

कहां तो आज सभी को लेकर गुजरने वाले रहें उल्का
पिंड ,पर इरफान खान गुजर गये ,
तो मैं कहता हूं , ये यमदूत उल्का पिंड मेहमान किधर गये !
कहां ?  19 हजार किमी प्रति घंटे की रफ्तार से जाने वाली
यान ठहर गये !
गर्व है कला पर, हम कलाकार नहीं ,उल्का पिंड से तो
विज्ञान डर गये !

                            🙏 धन्यवाद ! 💐🌹

® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता
29-04-2020 बुधवार 15:45  मो:-6290640716
রোশন কুমার ঝা, Roshan Kumar Jha
कलम लाइव पत्रिका kalam live patrika अंक 1वर्ष 2 >> https://kalamlive.blogspot.com/2020/04/kalam-live-patrika-1-2.html
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