कविता :- 16(62) , विश्व रक्तदान दिवस,

कविता :-16(62)
दिनांक :- 14-06-2020  रविवार


########  भाग :- 1 

नमस्ते 🙏 :- साहित्यसार मंच
विषय  :- रक्तदान
विधा :- कविता
दिनांक :- 14-06-2020
दिवस :-  रविवार

हम रोशन और हम सब है धरती माँ की संतान  ,
कुछ तो करो यारों  लोक कल्याण ।
साथ है कला संग ही है विज्ञान ,
आज है विश्व रक्तदान दिवस तो करो यारों रक्तदान ।।

बढ़ाओ मान ,
बढ़ाओ ज्ञान ।
हम इंसान 
करो रक्तदान ।।

मिले किसी को नव प्राण ,
रक्त के बारे हुआ अब भान ।
तो रखकर समाज का ध्यान  ,
करो यारों करो , मिलकर रक्तदान ।।

® ✍️ रोशन कुमार झा 
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता 
ग्राम :- झोंझी, मधुबनी, बिहार ,
मो :- 6290640716

https://sahityasarfb.blogspot.com/2020/06/blog-post_65.html?m=1

########  भाग :- 2

नमस्ते 🙏 :- कलम ✍️ बोलती है साहित्य समूह
साप्ताहिक प्रतियोगिता क्रमांक :- 2
दिनांक :- 14-06-2020
दिवस :-  रविवार
विषय :-  हास्य रचना

(1) लड़का :- 
ओई सुन इधर तू किसकी बेटी है  ? कहां से आयी है !

(2) लड़की :-
:- मैं यही की बेटी हूं, नागेन्द्र महिन्द्र घोष की तुम्हारे पिता की दोस्त की !

(3) लड़का :- तो क्या ? हुआ , कहां जा रही हो ?

(4) लड़की :- तुम्हें कोई मतलब ? !

(5) लड़का :- मतलब , तू मतलब कहती हो ,अब ?
कहती हो तुम्हारे पिता के दोस्त की बेटी हूं, फिर इस
तरह का सवाल !

(6) लड़की :- हां. हां अंक्ल कहा करते थे , तुम्हारे बारे में
तुम दही चोर हो ,! छी छी छी ...

(7) लड़का :- ( उऊ उऊ उऊ ) का बोली दही ,
दही नहीं ले बही !

(8) लड़की :- का बही गंगा की यमुना !

(9) लड़का :- अरे ! बही खाता,खाता !.

(10) लड़की :- वही तो मैं भी कहती , कि तू दही
चुरा कर खाता !

(11) लड़का :- खाता यानि कॉपी रे ! कॉपी

(12) लड़की :- कॉफी पीने के लिए दही बेचता, आ
जाना मेरे घर पिला दूंगी कॉफी !

(13) लड़का :- लिखने वाला कॉपी ,

(14) लड़की :- ओ दही जो बेचता है वह लिखता है
कॉपी में  क्या ? 

(15) लड़का :- हां जा जा जा .. कहीं जा रही थी न 

(16) लड़की :- हां जा तो रहीं थी !

® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता  भारत
मो:-6290640716
प्रत्येक दिन दैनिक विषय लेखन किये है ।
विषय क्रमांक :-148- 153 तक

########  भाग :- 3

रामकृष्ण महाविद्यालय मधुबनी, बिहार

नाटक :- जाना पहचाना, जानकर भी मारना बहाना !
✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳

लिखें रहें :- 02-10-2018 मंगलवार 22:10

प्रस्तुत हुआ :- ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के
रामकृष्ण महाविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना से आयोजित 
.22 स्वच्छ भारत समर इंटर्शिप कार्यक्रम के कैवल्य ग्रुप से !

प्रस्तुत स्थल :- लालू टोला प्राथमिक विद्यालय जगतपुर, मधुबनी बिहार

दिनांक :- 09-08-2019 शुक्रवार 12:30

    ° पात्र :-

(1) लड़का :- रमेश (राम )
( जगमोहना का लड़का लालमोहना )

(2) लड़की :- ( पूजा ग्रुप लीडर )
( नागेन्द्र महिन्द्र घोष की बेटी )

(3) दुकानदार (दही लेने वाला ) :- अमित

(4) पुलिस :- ( रोशन )
( खुदरा जिला हॉलसेलर थाना से )

(5) लड़का :- ( पूजा व अंकिता ) पर यहां का पात्र
लड़की की !

( उदनमा के बेटा रजनमा ) पुलिस के साथ आयेगा !

(6) कहने वाले :- प्रीती 

(7) गाना गाने वाले :-  ज्योती 

          नाटक आरम्भ :-

(1) लड़का :- (जगमोहन का लड़का लालमोहना, 
राम का प्रवेश :-
ओई सुन इधर तू किसकी बेटी है  ? कहां से आयी है !

(2) लड़की :- (नागेन्द्र महिन्द्र घोष की बेटी पूजा 
ग्रुप लीडर की प्रवेश ) :-
:- मैं यही की बेटी हूं, नागेन्द्र महिन्द्र घोष की तुम्हारे पिता
की दोस्त की !

(3) लड़का :- तो क्या ? हुआ , कहां जा रही हो ?

(4) लड़की :- तुम्हें कोई मतलब ? !

(5) लड़का :- मतलब , तू मतलब कहती हो ,अब ?
कहती हो तुम्हारे पिता के दोस्त की बेटी हूं, फिर इस
तरह का सवाल !

(6) लड़की :- हां. हां अंक्ल कहा करते थे , तुम्हारे बारे में
तुम दही चोर हो ,! छी छी छी ...

(7) लड़का :- ( उऊ उऊ उऊ ) का बोली दही ,
दही नहीं ले बही !

(8) लड़की :- का बही गंगा की यमुना !

(9) लड़का :- अरे ! बही खाता,खाता !.

(10) लड़की :- वही तो मैं भी कहती , कि तू दही
चुरा कर खाता !

(11) लड़का :- खाता यानि कॉपी रे ! कॉपी !

(12) लड़की :- कॉफी पीने के लिए दही बेचता, आ
जाना मेरे घर पिला दूंगी कॉफी !

(13) लड़का :- लिखने वाला कॉपी ,

(14) लड़की :- ओ दही जो बेचता है वह लिखता है
कॉपी में  क्या ? 

(15) लड़का :- हां जा जा जा .. कहीं जा रही थी न 

(16) लड़की :- हां जा तो रहीं थी !

( लड़की के सामने दही लेने वाले दुकानदार का प्रवेश )
अमित का प्रवेश !

(17) दुकानदार :- अरे ! बबुआ दही कहां है , आज बड़का
पार्टी मिला है ! तौल - तौल जल्दी 
( दो सेकंड बाद )
जा बर्तन ही नहीं लाया, ले बाबा ले बाबा , आज
की लक्ष्मी चला गया लें !

(18) लड़का :- दुकानदार को संकेत करते हुए, कौन है
तू ? ( हाथ घुमायेंगा )

(19) दुकानदार :- अरे ! जगमोहना का बेटा हम तेरा
पार्टी पहचाना, अरे भाग भाग उदनमा का बेटा रजनमा
पुलिस को लेकर आ रहा है ! देख ले देख ....

( तभी ही पुलिस का प्रवेश होगा साथ में गांव
का लड़का भी रहेगा ! )
रोशन, पूजा व अंकिता का प्रवेश : -

(20) गांव का लड़का (रजनवा ) :- अंकिता :-
पुलिस से कहेंगे :- साहब-साहब वही दोनों मिलकर
दही बेचता है,देखिये भाग रहा है !

(21) पुलिस :- रोशन :-
रूक ले हमें दही लेना है , खुदरा जिला हॉलसेलर थाना
से आया हूं ! जगमोहना का लालमोहना बेटा कौन हैं !

(22) दुकानदार और लड़का :- (दोनों कहेगा ):-
हम है, हम है ,हम दोनों हैं, बोलिए सर कितना किलो
लीजिएगा !

(23) पुलिस :- कितना करके के.जी है !

(25) दुकानदार :- साहब ये क्या कह रहे हैं ,के.जी, एल.
के.जी ( Kg,Lkg ) तो स्कूल में होते हैं ! हमलोग पव्वा,
सेर, किलो करके बेचते हैं ! एक किलो दो रुपया !

(25) पुलिस :- जानते ही हो हम हॉलसेलर थाना से
आये हुए है, तो खुदरा थोड़ी लूंगा ! एक क्विंटल दे दो !

(26) दुकानदार :- मतलब ?

तभी ही लड़की पूजा आकर कहेंगी :-

(27) लड़की :- साहब बोल रहे हैं सौ किलो !

(28) दुकानदार :- क्या छः किलो ?

(29) पुलिस :- नहीं एक सौ किलो चाहिए !

(30) दुकानदार :- ठीक है सर दें रहें हैं ,दे रहे है,
( हाथ हिलाकर कहेगा ):- 
सौ को दो से भाग करके थोड़ा मेरा हिसाब कर 
दीजिए !         (100÷ 2=50) 

(31) पुलिस :- ओय (धीरे से कहेगा )
हां दो से डिवाइड करके पचास रुपये हुए 
( जोर से कहेगा )

(32) दुकानदार :- 
साहब डिवाइड नहीं भाग करके बताइये !

(33) पुलिस :- अरे भाग करके ही पचास रुपये हुए !

(34) दुकानदार :- भूल हो गया , सर माफ़ कर दीजिए
, दही सौ किलो हुआ ना, दो से गुणा कर दीजिए !
(100×2=200 ) 

(35) पुलिस :- हां दो सौ रुपये हुए 
( पेंट का पॉकेट से पैसा  हाथ से निकालते हुए कहेगा )
ये लो .... ये लो ..... 

दुकानदार को पैसा देते ही  अंत में सभी गाना गायेंगे ! 
यहां प्रीती गायी :-

जाना-पहचाना ,
है फर्ज निभाना .....
ईमानदारी की ज़माना , थोड़ा बहाना ,
कड़ी मेहनत से कमाना और दुनिया हंसाना ....
दुनिया हंसाना ... दुनिया हंसाना .... अअ ...

# गाना के बाद कोई एक जन शायरी सुनायेंगे !:-
जैसे यहां पर ज्योती सुनाई !:-

शायरी, नाटक, कहानी, व्यंग्य, कविता की है स्वर ,
सूर्य की रोशन , चांद, सितारे रहेंगे, क्या आप लोग
फिर से मिलियेंगा कल !

यह मेरी नहीं , है जग की शोर ,
आभारी हूं आप लोगों का इतना वक्त दिये हमें नाटक
प्रस्तुत करने में 
तन-मन से दिया हूं हाथ जोड़ ... 🙏🙏🙏🙏🙏
तन-मन से दिया हूं हाथ जोड़ .....!

                   समाप्त।          धन्यवाद ! 💐🙏

 ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत 
टाइपिंग किये :- 30-04-2020 वृहस्पतिवार

########  भाग :- 4

नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान
तिथि :- 14-06-2020
दिवस :- आदित्यवार  रविवार
विषय :-  मुक्त
विधा :- कविता
विषय प्रदाता :-  साहित्य संगम संस्थान

नमन 🙏 :- इंक़लाब ऑनलाइन हिंदी पत्रिका
कविता :- 16(60 ), कविता :- 7(09) हिन्दी
রোশন কুমার ঝা, Roshan Kumar Jha
रविवार 14/06/2020 कविता :-16(62)

-: जब हमेशा के लिए सोता है जवान । :-

जब कोई जवान हमेशा के लिए सोता है ,
दिल क्या ? मेरा दिमाग़ भी रोता है ।
क्योंकि कोई अपनी सिन्दूर 
तो कोई अपने लाल को खोता है ,

सच पूछो तो बड़ा दुख होता है ,
जब कोई जवान हमेशा के लिए सोता है  ।
चाह कर भी नहीं देखते कि वह पतला है या मोटा है ,
बल्कि आँसू के साथ मैं एक दर्दनाक कविता बोता है ।।

क्योंकि मेरी कोई सीमा नहीं ,
दर्दनाक कविता लिखते वक़्त मेरे
कलम के गति धीमा नहीं ।

यूं तो हर कोई आँसू पोछता है ,
पर हम यूं आँसू के साथ एक दर्दनाक
कविता के बारे में सोचता है ।

जब कोई माँ अपनी पुत्र खोती ,
पाल - पोष कर बड़ा किये रहती, खिलाकर रोटी ।
जब कोई स्त्री अपनी सिन्दूर धोती ,
हम यूं रोशन आँसू के साथ लिख बैठते कविता उन
शहीदों पर , इसे मत समझना पथरा - पोथी ।।

® ✍️ रोशन कुमार झा 
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता 
ग्राम :- झोंझी, मधुबनी, बिहार ,
मो :- 6290640716
कविता :- 13(59) हिन्दी, ® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
19-09-2019 वृहस्पतिवार 06:25 
COVID-19 कोरोना समय
77/R Mirpara Road asirwad bawan Liluah Howrah आज विश्व रक्तदान दिवस

########  भाग :- 5

हार्दिक शुभकामनाएं आपकी रचनाएँ प्रकाशनार्थ चयनित की गई हैं। इंक़लाब परिवार आपको हार्दिक शुभकामनाएं ज्ञापित करता है। आपसे निवेदन है आप अपना स्थान सुनिश्चित करें।

कविता :- 16(60 ), कविता :- 7(09) हिन्दी
রোশন কুমার ঝা, Roshan Kumar Jha
नमन 🙏 :- इंक़लाब ऑनलाइन हिंदी पत्रिका
रविवार 14/06/2020 कविता :-16(62)

  देश के रक्षक तीन भाई ‌ । :- 

हिन्दुस्तान की सौन्दर्यता की प्रतीक जल,थल, वायुसेना
तीनों भाई है ,
अपनों के लिए चंदन दुश्मनों के लिए कसाई हैं ।

जय श्री राम, जय हिन्द इनके नारा है ,
सुरक्षा के प्रति इनके पास अणु परमाणु बम प्वाइंट टु टु
.22 रायफल, 7.62 एल.एम. जी , एस. एल. आर ,
ब्रहामोज और भी शस्त्र व भाला है ।

सुबह में पीटी फिर करने को ड्रिल (Drill ) है ,
तीनों भाइयों को दुश्मनों के सामने वीरता दिखाने के लिए
सर्वोच्चम पुरस्कार चक्र परमवीर है ।

हर एक का मार्ग रोशन, देश की मान सम्मान इनके हाथों में है ,
क्या कहूं दम तो इनके वर्ड आफ कमांड और 
हर एक बातों में है ।

देश सेवा के लिए तैरकर, उड़कर, दौड़कर चलते है ,
मारने या वीरगति पाने की भावना रखकर , दुश्मनों से
सीना तानकर लड़ते हैं ।

पहनने के लिए जूता , डी. एम. एस , तीनों भाई के 
अलग-अलग वर्दी है ,
रहने के बाद भी कहां इनके लिए होली ,ईद, दिवाली,
गर्मी या सर्दी है ।

मंगल हो या शनि हर दिन दाढ़ी बनाते यानि सेविंग करते हैं,
कब घर - परिवार, समाज से दूर हो जायेंगे , क्योंकि हर
दिन युद्ध के मैदान में चलते है ।।

✍️ रोशन कुमार झा 
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
ग्राम :- झोंझी, मधुबनी, बिहार
मो :-6290640716
06-07-2018 शुक्रवार 00:05 , Ncc
31 st Bengal Bn Ncc Fort William Kolkata-B
Coy no :-5 (Reg no :- WB17SDA112047 )
22-05-2020 शुक्रवार कोरोना कविता :-16(39) ,3(15) कोबरा वाहिनी Roshan Kumar Jha 11 जुलाई नेहा जन्मदिन कविता :-7(009)
26 पर इस बार अगला बार :-32 रहा,इंक़लाब ऑनलाइन में SNEC:- B.A Part:-1 Roll no -26 इस लिए फोटो
नमन 🙏 :- इंक़लाब ऑनलाइन हिंदी पत्रिका
मौलिकता प्रमाण पत्र :- यह हमारी स्वरचित कविता है, इसे इंक़लाब ऑनलाइन हिंदी पत्रिका सागर यादव ज़ख़्मी जी के संपादन में काव्य तरंग साझा काव्य संग्रह ई - बुक प्रकाशन में प्रकाशित करवाने के लिए प्रस्तुत किये है ।:- कविता :- 13(59), 7(09)
कविता :-16(60) शुक्रवार 

http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/06/1660-1359.html

परिचय - 

अपना नाम :- रोशन कुमार झा
जन्म तिथि :- 13/06/1999, मोबाइल नम्बर :- 6290640716
पिता :- श्री श्रीष्टु झा , पता :- ग्राम :- झोंझी, मधुबनी, बिहार :- 847222
ईमेल :- Roshanjha9997@gmail. com.

कार्य :-
विगत तीन वर्ष से 11 व 12 वीं कक्षा के (विज्ञान व वाणिज्य के छात्र-छात्राओं को " हिन्दी विषय " व कला विभाग के समस्त विषयों को निःशुल्क पढ़ाते आ रहे हैं , संग - संग 31 वीं बंगाल बटालियन एनसीसी फोर्ट विलियम कोलकाता-बी ,कम्पनी -5,
पंजीकृत संख्या - WB17SDA112047, नरसिंहा दत्त कॉलेज सेंट जॉन एम्बुलेंस , ( प्राथमिक उपचार ) द भारत स्काउट और गाइड ,पूर्व रेलवे हावड़ा जिला वेरियांग स्काउट और गुलमर्ग गाइड बामनगाछी समूह,रामकृष्ण महाविद्यालय मधुबनी राष्ट्रीय सेवा योजना ,ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा ।

प्रकाशित रचनाएँ :- कविताएँ,नाटक,संस्मरण,हाइकु,ग़ज़ल, आलेख,गीत,यात्रा वृत्तांत आदि प्रभात खबर, भारत एक नज़र,
समज्ञा,रचनाकार,अमर उजाला,साहित्य संगम संस्थान,
देवभूमि,प्रणाम साहित्य,कलम बोलती है,साहित्य उत्थान,कलम लाइव पत्रिका से आयोजित मजदूर की व्याथा ई - पुस्तक में प्रकाशित कविता, साहित्य उत्थान से करुणा साझा काव्य संग्रह में प्रकाशित रचना,साहित्य लाइव,संगम सवेरा, स्वैच्छिक दुनिया , काव्यांकुर, न्यूज़ ऑफ बंगाल ,हिमाचल साहित्य दर्पण,श्री नर्मदा प्रकाशन ,कलम बोलती है , विभिन्न पत्र पत्रिका, में  हिन्दी, अंग्रेजी, बंगाली, भोजपुरी, मैथिली भाषा  में प्रकाशित ।

प्राप्त सम्मान :-

2015 :- हनुमान जुट मिल हिन्दी हाई स्कूल घुसड़ी से 10 वीं कक्षा में हिन्दी में सर्वाधिक अंक लाने पर सन्मार्ग समाचार पत्र के रामवतार गुप्त प्रतिभा पुरस्कार से हमें सम्मानित किया गया, 2017 :- वही सलकिया विक्रम विद्यालय से 12 वीं में अच्छे अंक प्राप्त करने पर मिथिला स्टूडेंट यूनियन पश्चिम बंगाल पुरुस्कार से सम्मानित हुए,पीएमकेवीवाई, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना,से प्राप्त प्रमाण पत्र , वही रचनात्मक क्षेत्र में हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज से कविता लिखकर कलकत्ता विश्वविद्यालय व श्री शिक्षायतन कॉलेज से प्रमाण पत्र हासिल किये , (2020) वर्तमान अंकुर, साहित्य संगम संस्थान, रचनाकर के रूप में प्रमाण पत्र हासिल किये है । दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन डिजिटल कवि सम्मेलन साहित्य संगम संस्थान उत्तर प्रदेश इकाई से प्राप्त काव्य साधक सम्मान पत्र,मेरी कलम मेरी पूजा कीर्तिमान साहित्य से आयोजित विषय सैनिक पर बेहतरीन काव्य सृजन के लिए कीर्तिमान साहित्य से सम्मानित किया गया, इंक़लाब ऑनलाइन पत्रिका में सत्य का दर्पण लघुकथा प्रकाशित होने पर 'सत्य सारथी सम्मान पत्र से सम्मानित हुए,ऑल पोएट्री से गोल्ड मेंबर की उपाधि प्राप्त किये ,तब से आज तक साहित्य की सेवा तन-मन से कर रहे है, और करते रहेंगे ।

########  भाग :- 6

करुणा आज कविता :-16(61)पृष्ठ:-15, शनिवार 13/06/2020 

कविता  :- 16(42),
नमन 🙏 :- साहित्य उत्थान कोश
साप्ताहिक प्रतियोगिता :-
दिनांक :-25-05-2020 
दिवस :- सोमवार
विधा :- कविता
विषय :- करुणा
✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
ग्राम :- झोंझी जिला:- मधुबनी बिहार
मो :-6290640716

-: करुणा हो । :-

आसान हो जाये जोड़, घटाव गुणा
हकीकत है मत कहो सुना ।
है नमूना 
कर करुणा ।
किसी को फटकार दूं ना 
दया प्रेम के अलावा कुछ रखूं ना ।।

दया प्रेम से करूं प्रयास ,
करूं तो करूं अंहकार की नाश ।
प्रेम बोऊ आस पास ,
बार-बार करूं अभ्यास ।।
लूं सांस ,
कब जब बुझाऊं किसी के प्यास ।।

हर कहीं मीठी-मीठी वाणी हो ,
कुछ सपनों तो कुछ कहानी हो ।
दया प्रेम के दानी हो ,
कहीं न कोई अज्ञानी हो ।।
सबके सब ठानी हो ,
करुणा को सब अपना मानी हो
बराबर राजा , प्रजा रानी हो ।।


https://www.facebook.com/groups/2657731651105972/permalink/2706718512873952/?flite=scwspnss&extid=6pfsh4D56ycLCt6E

http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/06/1661.html

########  भाग :-  6

कलम लाइव पत्रिका से श्रीमान राजू कुमार चौहान जी के सम्पादन में मजदूरों पर आधारित एक ई-पुस्तक का साझा काव्य संग्रह निकाला जा रहा हैं आप निचे लिखे नियमावली के अनुसार रचनाएँ भेज सकते हैं।
मजदूरों पर आधारित एक ई-पुस्तक का साझा काव्य संग्रह के लिए रचनाएँ  :- कविता  :- 1

-: हम मजदूर हैं ।

बाद में कुछ पहले हम मजदूर हैं ,
तब हम मशहूर है ।
बाग़ के हम फूल है ,
हम तो मजदूर हैं ।

जो खेत में दिन रात करते काम ,
आते घर करते थोड़ा विश्राम ।
न पद न चाहिए इनाम,
हम रोशन मजदूर हैं भाई 
करते पूजा पाठ लेते हरि के नाम ।

सुबह शाम 
जपते राम - राम ।
करते न बुराई के काम 
हम मजदूर हैं, 
मेरे तरफ से आप सभी को सादर प्रणाम ।

मजदूर हैं हम जो भी करते करते तमाम ,
मेहनत ज्यादा ,मिलते न ज्यादा दाम ।
पहले मजदूर तब प्राण तब है मेरा नाम ,
आभार हूं  " कलम लाइव पत्रिका " का मजदूरों 
पर आधारित ई-पुस्तक से दिये है मजदूरों की इनाम ।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता भारत
ग्राम :- झोंझी, मधुबनी, बिहार , मो :- 6290640716 
शनिवार 23-05-2020 कविता :- 16(41)

कलम लाइव पत्रिका से श्रीमान राजू कुमार चौहान जी के सम्पादन में मजदूरों पर आधारित एक ई-पुस्तक का साझा काव्य संग्रह निकाला जा रहा हैं आप निचे लिखे नियमावली के अनुसार रचनाएँ भेज सकते हैं।
मजदूरों पर आधारित एक ई-पुस्तक का साझा काव्य संग्रह के लिए रचनाएँ  :- कविता :- 2

 -: मजदूर का सम्मान करों  ।

बेचारे मजदूर मेहनत करके उपजाते खेत ,
उनकी परिश्रम से कोई और कहलाते सेठ ।
मजदूर नमक रोटी से भरते पेट ,
उन्हीं से है हरा भरा ये क्षेत्र ।।

अरे ! मजदूर भाईयों को सम्मान दो ,
बनते हो दानी , कुछ इन्हें भी दान दो ।
नव जीवन नव प्राण दो ,
हम रोशन कलम लाइव पत्रिका के साथ दे रहे हैं,
आप भी मजदूरों भाईयों के होंठों पर मुस्कान दो ।।

ध्यान दो ध्यान दो ,
मजदूरों को योगदान दो ।
कला और विज्ञान दो ,
कुछ इनसे लो तो कुछ इन्हें भी ज्ञान दो ।।

ताकि ये मेहनत करें ,
दूर और निकट करें ।
कोई मजदूरों साथ ग़लत मत करें ,
करें तो जन जन मजदूरों का इज़्ज़त करें ।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
ग्राम :- झोंझी, मधुबनी, बिहार , मो :- 6290640716 
शनिवार 23-05-2020 कविता :- 16(40)
सलकिया विक्रम विद्यालय वाला फोटो

http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/05/1641.html   COVID-19
77/R Mirpara Road Liluah कोरोना समय

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